पत्रकारिता अर्थात लोकतंत्र का वह चौथा स्तंभ जो एक सशक्त व जागरूक समाज की नींव रखने में महती भूमिका निभाता है। इसी सामाजिक व नैतिक उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए पत्रकारिता के इस नवीन पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई है। यह पाठ्यक्रम उन विद्यार्थियों के लिए है, जो भविष्य में स्वयं को एक गंभीर और सच्चे पत्रकार के रूप में देखना चाहते हैं। यहां विद्यार्थियों को पत्रकारिता के गुर सिखाने के साथ ही उसके मूल्यों का ज्ञान कराया जाएगा।
यह पाठ्यक्रम विद्यार्थियों का इस दिशा में मार्गदर्शन करता है कि कैसे समाज के हित में एक पत्रकार महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
साफ तौर पर कहा जाए तो यह पाठ्यक्रम टेलीविजन पर उपद्रव करने व सच्चाई को तोड़ – मरोड़कर पेश करनेवाले पत्रकारों का ना ही समर्थन करता है और ना ही ऐसा करने की प्रेरणा देता है। आम जनता को सच्चाई से जस – का – तस रूबरू कराना ही पत्रकार का नैतिक कर्तव्य है और इसी दिशा में आगे बढ़ने के लिए विद्यार्थियों को यह पाठ्यक्रम प्रेरित करता है।
इस पाठ्यक्रम के माध्यम से छात्रों को नियमित रूप से यह जानने का मौका दिया जाएगा कि अखबार के संपादकीय और समाचार विभाग में कैसे काम किया जाता है। पत्रकारिता के पाठ्यक्रम में यदि किताबी ज्ञान शरीर की भांति है, तो व्यावहारिक ज्ञान आत्मा की तरह है। अतः यहां यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान के साथ व्यावहारिक ज्ञान भी प्राप्त हो, जो आगे चलकर उन्हें अखबार या टेलिविज़न के क्षेत्र में काम करने में सहायक सिद्ध होगा।
पाठ्यक्रम के उद्देश्य:
पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना भविष्य देखने वाले विद्यार्थियों के लिए यह नवीन पत्रकारिता पाठ्यक्रम बहुत ही उपयोगी साबित होगा। यह प्रतियोगिता का युग है। ऐसे में हर कोई एक – दूसरे से आगे निकलने की होड़ में है। इस परिस्थिति में यह विशेष पाठ्यक्रम छात्रों को पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराने के साथ ही उन्हें बेहतर और सफल पत्रकार बनने के लिए तैयार करेगा।
यह पाठ्यक्रम देश के विकास को सर्वोपरि मानने के साथ ही पीड़ितों व जरूरतमंदों की आवाज बनने की प्रेरणा देता है।
यह पाठ्यक्रम छात्रों को न्यूज़ रूम के फैसलों और विभिन्न प्रकार के संस्करणों की योजनाओं से परिचित कराएगा। छात्रों को अखबार प्रकाशित करने और टेलीविजन पर एक समाचार प्रसारित करने में आने वाली चुनौतियों को समझने व उनसे निपटने के लिए तैयार करेगा।
इस पाठ्यक्रम में रेडियो और टेलीविज़न की मूल बातें पेश की जाएंगी। विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम के भाग के रूप में रेडियो, अखबार और टेलीविज़न कार्यक्रम बनाने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा।
रोजगार के अवसर:
यह पाठ्यक्रम छात्रों को समाज में विभिन्न विषयों पर पत्रकारिता करने के लिए तैयार करेगा।
पाठ्यक्रम प्रारूप:
इस पाठ्यक्रम में २८ क्रेडिट के साथ १४० सत्रों में ११ मॉड्यूल निर्धारित किए गए हैं। इनमें सेमिनार और कार्यशालाएं भी शामिल हैं। २८ क्रेडिट के साथ १४० सत्र सफलतापूर्वक पूरा करने वाले छात्र हीसर्टिफिकेट के लिए पात्र होंगे। संस्थान को पाठ्यक्रम को संशोधित करने या छात्रों के हित में कुछ सत्रों को संयोजित करने का अधिकार है।
पढ़ाने का तरीका:
एंड्रोलॉजी (वयस्कों को पढ़ाने की विधि) का पालन किया जाएगा, जिसमें व्याख्यान, समूह चर्चा, सेमिनार, केस अध्ययन, अनुशंसित / सुझाए गए क्षेत्रों का दौरा और अनुसंधान शामिल होंगे। सभी सत्र ऑनलाइन होंगे। सभी सत्र अंग्रेजी में होंगे, लेकिन लेखन और समाचार संपादन पर कुछ विशेष सत्र हिन्दी में होंगे। इसका मुख्य उद्देश्य हिंदीभाषी विद्यार्थियों का सही दिशा में समुचित मार्गदर्शन करना है।
मूल्यांकन:
सत्र में प्रस्तुत विषयों पर छात्रों को गृहपाठ (होमवर्क) दिया जाएगा।विद्यार्थी गृहपाठ हिन्दी में पूरा कर सकते हैं।