विकास के लिए संचार (C4D) को वर्ल्ड कांग्रेस ऑन कम्यूनिकेशन फॉर डेवलपमेंट द्वारा परिभाषित किया गया है। विकास के लिए संचार उपकरणों और विधियों की एक विस्तृत शृंखला का उपयोग करके, संचार पर आधारित एक सामाजिक प्रक्रिया है। यह विभिन्न स्तरों पर परिवर्तन करने, विश्वास निर्माण करने, ज्ञान और कौशल साझा करने, नीतियाँ बनाने, बहस करने और निरंतर सीखने के साथ-साथ सार्थक बदलाव सहित विभिन्न स्तरों पर परिवर्तन के बारे में भी है।
यूनिसेफ की परिभाषा में कहा गया है, “सबूतों पर आधारित प्रक्रियाएँ जो संचार उपकरण, चैनल का उपयोग करती हैं और बच्चों, परिवारों, समुदायों, की भागीदारी और निवेश के लिए दृष्टिकोण विकसित करती हैं, ताकि विकास – मानवीय और सामाजिक – सम्बंधी संदर्भों में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके।”
ये परिभाषाएँ C4D के महत्त्व को दर्शाती हैं जो समावेशी विकास और सामाजिक न्याय के लिए हमारे देश और विश्वस्तर पर भूमिका निभा सकती है। फिर भी, इसे मुख्यधारा के मीडिया में बड़ी जगह नहीं मिली है।
युवाओं का एक बड़ा वर्ग सामाजिक न्याय और समावेशी विकास सुनिश्चित करके देश में एक सकारात्मक बदलाव लाने का इच्छुक है। C4D का उपयोग करते हुए, युवाओं का यह समूह ऐसे विषयों पर लिख सकता है, एनजीओ में काम कर सकता है, एनजीओ स्थापित कर सकता है या यहाँ तक कि कॉर्पोरेट जगत में भी काम कर सकता है ताकि सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) पहल के हिस्से के रूप में उचित मुद्दों को उठाया जा सके; इन मेंसे कुछ अपने स्वयं के संचार चैनल भी शुरू कर सकते हैं।
दुर्भाग्य से, शिक्षा और संचार संस्थान ऐसे महत्त्वपूर्ण मामलों पर प्रशिक्षण प्रदान नहीं करते हैं।
इस सामाजिक और शैक्षणिक आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, आमरस (अभय मोकाशी‘ स एकेडमी फॉर मास मीडिया रिसर्च एंड स्टडीज) ने C420 पाठ्यक्रम शुरू किया है।
विकास के लिए संचार, इच्छुक पत्रकारों के लिए एक उपयोगी पाठ्यक्रम है, जो पत्रकारिता में विशेष कार्य करना चाहते हैं, जो मुख्यधारा के मीडिया द्वारा अनदेखा किये गए पहलुओं को कवर करना चाहते हैं। यह कोर्स उन लोगों की मदद करेगा जो सामाजिक क्षेत्र में काम करना चाहते हैं, या तो एनजीओ के साथ या स्वतंत्र रूप से काम करना चाहते हैं।
यह पाठ्यक्रम छात्रों को विशेष सामाजिक विषयों पर पत्रकारिता करने में मदद करेगा, उन्हें विभिन्न विकासात्मक मुद्दों, संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास के साथ-साथ लिंग, बच्चों की समस्या, घृणा अपराध का विरोध जैसे विषयों के बारे में लिखने में सक्षम करेगा। पत्रकारिता के अलावा, पाठ्यक्रम छात्रों को कई व्यावसायिक विकल्पों जैसे एनजीओ, कॉर्पोरेट संचार, सीएसआर और सामाजिक परिवर्तन से लैस करेगा।
फ़िल्म निर्माण की बुनियादी बातों के प्रदर्शन के साथ, उन्हें लघु फ़िल्म बनाने की मूल बातें मिलेंगी। इस पाठ्यक्रम को पूरा करने वालों को देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान करने के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र के धारणीय विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को लागू करने का अवसर मिलेगा।
पाठ्यक्रम 60 क्रेडिट के साथ 300 सत्रों में फैला हुआ है, जिसमें 15 मॉड्यूल, सेमिनार और कार्यशालाएँ शामिल होंगी। 60 क्रेडिट के साथ 300 सत्र सफलतापूर्वक पूरा करनेवाले छात्र डिप्लोमा के लिए पात्र होंगे। पाठ्यक्रम दो सेमेस्टर में फैला होगा। अकादमी के पास पाठ्यक्रम को संशोधित करने या छात्रों के हित में सत्रों को संयोजित करने का अधिकार है।
एंड्रोलॉजी (वयस्कों को पढ़ाने की विधि) का पालन किया जाएगा, जिसमें व्याख्यान, समूह चर्चा, सेमिनार, केस अध्ययन, अनुशंसित / सुझाए गए क्षेत्र के दौरे और शोध शामिल होंगे। सभी सत्र ऑनलाइन होंगे। सभी सत्र अंग्रेज़ी में होंगे, लेकिन लेखन और समाचार संपादन पर कुछ विशेष सत्र हिन्दी में होंगे।
छात्र का गृहपाठ (होमवर्क) हिन्दी में पूरा कर सकते हैं।
The course is also available with entirely in-person sessions on the Nirmala Niketan Extension Centre Campus.